नई दिल्ली।, अगस्त 23 -- सुप्रीम कोर्ट में पेट्रोल को लेकर एक जनहित याचिका (PIL) दायर की गई है। इसमें मांग की गई है कि जब तक उपभोक्ताओं के एथेनॉल-मुक्त ईंधन चुनने का विकल्प नहीं दिया जाता है, तब तक इसे लागू नहीं किया जाए। यह याचिका 20% एथेनॉल-मिश्रित पेट्रोल (E20) को लागू करने के खिलाफ दायर की गई है। अधिवक्ता अक्षय मल्होत्रा द्वारा दायर की गई इस याचिका ने देश में ईंधन की गुणवत्ता और उपभोक्ताओं के अधिकारों को लेकर एक बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है। याचिका के अनुसार, अप्रैल 2023 से पहले भारत में बने वाहन एथेनॉल-मिश्रित पेट्रोल के अनुकूल नहीं हैं। चौंकाने वाली बात यह है कि पिछले दो साल में बने BS-VI-मानक वाले वाहन भी 20% एथेनॉल मिश्रण वाले पेट्रोल के लिए उपयुक्त नहीं हैं। याचिका में कहा गया है कि वाहन निर्माताओं और शोध संस्थाओं की रिपोर्ट के मुताब...