सासाराम, अक्टूबर 4 -- परसथुआ, एक संवाददाता। साल के सभी एकादशी व्रत का महत्व शास्त्रों में बताया गया है। मास जेठ की शुक्ल पक्ष की एकादशी, कार्तिक शुक्ल पक्ष की एकादशी व आश्विन मास की शुक्ल पक्ष की एकादश का विशेष महत्व बताया गया है। शास्त्रों में इन तीनों एकादशी को स्वर्ग की सारी दरवाजे खुले रहने की बातें कही गयी है। इस दिन जन्म लेने वाले व मृत्यु पाने वाले को सीधे आवागमन से मुक्ति मिलने कि बातें बतायी गयी है। उक्त बातें विन्ध्याचल के सिद्ध संत योगीराज हरिनारायणा नंद नें शुक्रवार को राधा-कृष्ण मंदिर में आश्विन शुक्ल पक्ष की एकादशी व्रत के विशेष आयोजन में कही।

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