हरिद्वार, अप्रैल 23 -- गुरुकुल कांगड़ी विवि में कन्या गुरुकुल परिसर के मनोविज्ञान विभाग में बुधवार को आयोजित अतिथि व्याख्यान में प्रो. संगीता मदान ने बताया कि सार्वजनिक रूप से बोलने का डर या चिन्ता को ग्लोसोफोबिया भी कहा जाता है। यह एक आम चिंता है। प्रो. मदान ने बताया इस प्रकार की चिंता को कम करने के लिए कईं प्रकार के उपाय जैसे, विषय पर अच्छी तरह से तैयारी करना, बार-बार अभ्यास करना, दोस्त या परिवार के सदस्यों के सामने अभ्यास करना या शीशे के सामने अभ्यास कर सकते हैं। चिंता की भावना को नियंत्रित करने के लिए गहरी सांस लेना या कई प्रकार के ध्यान लगा कर चिंता को प्रतिबंधित कर सकते हैं।

हिंदी हिन्दुस्तान की स्वीकृति से एचटीडीएस कॉन्टेंट सर्विसेज़ द्वारा प्रकाशित...