सिमडेगा, सितम्बर 2 -- सिमडेगा,जिला प्रतिनिधि। पाकरटांड़ प्रखंड के आसनबेड़ा पंचायत स्थित सारुबेड़ा लम्बकी ढांढ गांव को भी आज भी प्रशासन के नजरों का इंतेजार है। लम्बकी ढांढ गांव के लोग अपनी तकलीफों से खुद लड़ रहे है। गांव आज भी विकास से कोसों दूर है। आज़ादी के 79 साल बाद भी यहां जिंदगी लकड़ी के पुल और कच्चे ऊबड़ खाबड़ रास्तों के सहारे गुजर रही है। कहने को तो इस गांव के लोग चुनाव के दौरान लोकतंत्र का हिस्सा बनकर सरकार गठन करने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते रहे हैं। लेकिन आज तक इनके वोट के सहारे जीतने वाले जनप्रतिनिधि, सरकार और सरकारी तंत्र ने इनकी सुध नहीं ली है। गांव में न सड़क है न बिजली न पानी। यहां हर साल बरसात आते ही गांव वाले खुद श्रमदान से लकड़ी का पुल बनाते हैं। ताकि उनके बच्चे किताबें लेकर स्कूल जा सकें, बीमारों को खटिया पर उठाक...