छपरा, अक्टूबर 31 -- छपरा, एक संवाददाता।सारण जिले में कुटीर उद्योग ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नई मजबूती देने की दिशा में बड़ी संभावना बनकर उभर रहा है। माटी कला, बुनकरी, सिलाई-कढ़ाई, अगरबत्ती, पापड़-अचार निर्माण जैसे पारंपरिक उद्योग आज भी हजारों परिवारों की जीविका का आधार हैं। सोनपुर, मढ़ौरा, बनियापुर, इसुआपुर और तरैया जैसे इलाकों में ग्रामीण युवाओं और महिलाओं में छोटे उद्योग शुरू करने की ललक बढ़ी है। विशेषज्ञों का कहना है कि अगर तकनीकी सहयोग, पूंजी निवेश, सस्ती बिजली और विपणन तंत्र को सशक्त किया जाए तो यह क्षेत्र बड़ी संख्या में रोजगार दे सकता है।ग्रामीण महिलाओं में घर-आधारित उद्योगों के प्रति तेजी से आकर्षण बढ़ा है। अब वे अचार, अगरबत्ती, हैंडक्राफ्ट और सिलाई-कढ़ाई को पेशेवर रूप दे रही हैं। अगर इन्हें ऑनलाइन बिक्री, सरकारी प्रशिक्षण और आसान ऋ...