चाईबासा, अक्टूबर 8 -- चाईबासा, संवाददाता। झारखंड पुनरुत्थान अभियान ने मंगलवार को राष्ट्रपति के नाम चार सूत्री मांग पत्र उपायुक्त के माध्यम से भेजा। साथ ही सदर एसडीओ कार्यालय के सामने धरना-प्रदर्शन किया। वहीं, संगठन ने सारंडा वन क्षेत्र को वन्य आश्रयणी घोषित करने को लेकर सरकार की मंशा और जिला प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल उठाया है। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि राष्ट्रीय हरित क्रांति अभिकरण के निर्देशों की अवमानना से संबंधित मामले में सुप्रीम कोर्ट ने झारखंड सरकार से जवाब मांगा था। इसके बावजूद राज्य सरकार की समिति द्वारा 30 सितंबर और 2 अक्तूबर को किए गए सारंडा भ्रमण को महज औपचारिकता बताया गया है। सारंडा के आदिवासी और अन्य परंपरागत वनवासी भय और भ्रम की स्थिति में हैं और प्रशासन उनके बीच संवाद स्थापित करने में विफल रहा है। झारखंड पुनरुत्थान अभिया...