रांची, सितम्बर 30 -- रांची, हिन्दुस्तान ब्यूरो। झारखंड भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद सारंडा जंगल को वन्यजीव अभयारण्य घोषित करने की प्रक्रिया शुरू होने पर हेमंत सरकार की आलोचना की है। उन्होंने आरोप लगाया कि इस सरकार के कार्यकाल में आयरन ओर माफियाओं ने एशिया के सबसे बड़े साल वन सारंडा का दोहन किया, जिससे पूरे क्षेत्र का पर्यावरण संतुलन पूरी तरह बिगड़ गया। सुप्रीम कोर्ट के कड़े आदेश के बाद सरकार की नींद टूटी है। शाहदेव ने कहा कि लगभग 82,000 हेक्टेयर में फैला सारंडा जंगल अपनी जैव विविधता के लिए जाना जाता था, लेकिन खनन माफियाओं ने इस जंगल का जमकर दोहन किया। भाजपा प्रवक्ता ने आंकड़े पेश करते हुए दावा किया कि सारंडा में जहां कभी 300 से अधिक प्रजातियों के पौधे पाए जाते थे, अब मुश्किल से 87 प्रजातियां बची ह...