रांची, सितम्बर 18 -- रांची। विशेष संवाददाता सारंडा वन क्षेत्र को सेंचुरी घोषित नहीं करने पर सुप्रीम कोर्ट ने अवमानना माना है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि यदि झारखंड सरकार आठ अक्तूबर तक सेंचुरी घोषित नहीं करती है तो मुख्य सचिव के खिलाफ अवमानना की कार्यवाही शुरू की जाएगी। अदालत सख्त आदेश भी जारी कर सकती है। अदालत ने आठ अक्तूबर को मुख्य सचिव को सशरीर कोर्ट में उपस्थित रहने का भी निर्देश दिया है। सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस के विनोद चंद्रन की पीठ ने बुधवार को यह निर्देश दिया। सुनवाई के दौरान न्याय मित्र परमेश्वर गवे ने सारंडा को सेंचुरी घोषित करने के मामले में झारखंड सरकार के टाल-मटोल की जानकारी दी। उन्होंने कोर्ट को बताया कि 29 अप्रैल 2025 को वन सचिव अबु बकर सिद्दीकी के माध्यम से राज्य सरकार ने शपथ पत्र दायर किया था। इसमें ...