नई दिल्ली, अप्रैल 11 -- नई दिल्ली, प्रमुख संवाददाता। सामूहिक दुष्कर्म के तीन दोषियों को अदालत ने उम्रकैद की सजा सुनाई है। अदालत ने अपने फैसले में कहा है कि इस तरह की घटनाएं बेहद दुखद व परेशान करने वाली होती हैं जो पीड़िता के लिए बहुत दर्दनाक व आंतरिक चोट पहुंचाने वाली होती हैं। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश सुशील बाला डागर की अदालत ने कहा कि ऐसे अपराधियों को किसी हाल में बख्शा नहीं जाना चाहिए, बल्कि सख्त सजा दी जानी चाहिए, ताकि अन्य को सबक मिल सके। इस मामले में नाबालिग लड़की का पहले अपहरण किया गया। उसके बाद तीन लोगों ने सामूहिक बलात्कार किया। अदालत ने कहा कि इस तरह की घटनाएं बहुत भयावह व पीड़ादायक होती हैं। इस तरह की घटनाओं के घाव पीड़िता के जेहन से उम्र भर नहीं जाते। अदालत ने मामले में पीड़िता को दस लाख 50 हजार रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिय...
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