गुमला, नवम्बर 20 -- गुमला संवाददाता सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट (सीएसई) और मलिंडा सस्टेनेबल एनवायरनमेंट प्रालि. द्वारा गुरूवार को जिला मुख्यालय में सौर मिनी-ग्रिड को अधिक प्रभावी,टिकाऊ और जनोपयोगी बनाने को लेकर जिला स्तरीय कार्यशाला आयोजित की गई। कार्यक्रम में जिले अधिकारियों, सामाजिक संगठनों, समुदाय प्रतिनिधियों,तकनीकी विशेषज्ञों और उर्जा क्षेत्र से जुड़े कर्मियों ने भाग लिया। कार्यशाला का उद्देश्य ग्रामीण विद्युतीकरण में उपयोग हो रहे सौर मिनी-ग्रिड की चुनौतियों और संभावनाओं पर मंथन करना था। कार्यशाला में बताया गया कि झारखंड में वर्तमान में 548 गांव सोलर मिनी और माइक्रो ग्रिड से जुड़े हुए हैं। जिनसे 29 हजार से अधिक घरों को बिजली मिल रही है। राज्य सरकार की नई सौर नीति में इस दायरे को और बढ़ाने का लक्ष्य तय किया गया है। इसी पृष्ठभूमि म...