छपरा, सितम्बर 28 -- बुजुर्गों के अनुभवों की हकीकत,भव्यता के साथ परम्पराएं बरकरार छपरा, नगर प्रतिनिधि। दुर्गापूजा में दशकों बाद काफी बदलाव आया है। बुजुर्गों के अनुभवों से यह हकीकत सामने आयी है। पहले की दुर्गापूजा की तुलना में अभी की दुर्गापूजा में मुख्य अंतर भव्यता, पैमाने और सामाजिक जुड़ाव में आया है, जो अब एक धार्मिक कार्यक्रम से बढ़कर एक बड़ा सामुदायिक उत्सव बन गया है। इसमें कलात्मक प्रदर्शन, बड़े पंडाल और विस्तृत समारोह हो रहे हैं, जबकि पहले यह व्यक्तिगत या पारिवारिक स्तर पर की जाती थी और इसका स्वरूप अधिक पारंपरिक और सीमित था। शहर के नगरपालिका चौक के रहने वाले बुजुर्ग श्यामसुंदर शर्मा दुर्गापूजा के पुराने दिनों को याद करते हुए बताते हैं कि वैश्विक बदलाव और डिजिटल युग में रामलीला परंपरा के अस्तित्व पर संकट उत्पन्न हो गया है। पहले जगह- ज...