गोरखपुर, मई 20 -- गोरखपुर, वरिष्ठ संवाददाता। सामान्य प्रसव के दौरान कई बार गर्भस्थ शिशु फंस जाता है। उसका पोश्चर सही नहीं होता। ऐसे में प्रसव को पूरा करने के लिए छोटा चीरा लगाकर योनी के आकार को बढ़ाया जाता है। इसे एपिसियोटोमी कट कहते हैं। गांव में प्रसव कराने वाली दाई, नर्स या झोलाछाप इस कट को सही से नहीं लगा रहे हैं। इसके कारण महिलाओं का गुदाद्वार क्षतिग्रस्त हो जा रहा है। इसकी मरम्मत नहीं हो पा रही। महिलाओं को एनल इनकांटिनेंस हो जा रहा है। बिहार के सिवान की रहने वाली सविता और कुशीनगर निवासी विराजिता का इलाज जनरल सर्जरी विभाग में चल रहा है। दोनों का सामान्य प्रसव हुआ। इस दौरान नवजात का सिर नहीं निकल पा रहा था। ऐसे में गांव के झोलाछाप ने योनी से लेकर गुदाद्वार तक लंबा चीरा लगा दिया। इससे प्रसव की प्रक्रिया तो हो गई मगर महिला का गुदाद्वार ...