रुडकी, अगस्त 31 -- हजरत साबिर पाक के 757वें सालाना उर्स में इस्लामी कैलेंडर की सातवीं तारीख को आयोजित होने वाला परंपरागत बड़ा लंगर रविवार को श्रद्धा और भाईचारे के साथ वितरित किया गया। लंगर वितरण का यह आयोजन सज्जादानशीन शाह अली एजाज साबरी क़ुद्दूसी की सरपरस्ती में, उनके प्रतिनिधि शाह सुहैल मियां साबरी द्वारा किया गया। इस अवसर पर सूफिया-ए-किराम की गद्दियों, उनके मुरीदीन और जायरीनों को लंगर बांटा गया। परंपरा के अनुसार फकीरों और मस्त मलंगों के साथ मिलकर सूफी संतों के स्थानों पर लंगर वितरित किया गया। यह परंपरा 1903 में तत्कालीन सज्जादानशीन शाह अब्दुर्रहीम ने शुरू की थी, जो आज तक जारी है। उर्स के दौरान अन्य सूफी संत भी अपनी-अपनी खानकाहों पर लंगर वितरित करते हैं। वहीं, पंजाब से आने वाले जायरीन अपने डेरों पर भी लंगर की व्यवस्था करते हैं।

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