ललितपुर, दिसम्बर 30 -- तालबेहट। बुंदेलखंड के प्रसिद्ध दिगम्बर जैन सिद्ध क्षेत्र पावागिरि में आचार्य प्रवर विद्यासागर महाराज के मंगलमय आशीर्वाद, नवाचार्य समय सागर महाराज की पावन प्रेरणा, वात्सल्य मूर्ति बुंदेली संत मुनि सुव्रत सागर महाराज के मंगल सानिध्य में आयोजित सिद्धचक्र महामंडल विधान का विशुद्धि पूर्वक समापन हुआ। इस अवसर पर सिद्धों की विधिवत आराधना की गई। समापन दिवस मंगलवार को प्रात: चमत्कारी बाबा मूलनायक भगवान पारसनाथ स्वामी का कलशाभिषेक मुनि श्री के मुखारविंद से मंत्रोच्चार के बीच संपन्न हुआ। इसके पश्चात शांतिधारा एवं मंगल आरती का आयोजन किया गया। धर्मसभा को संबोधित करते हुए मुनि सुव्रत सागर महाराज ने कहा कि श्रावकों को साधु-संतों एवं गुरुओं के प्रति सदैव विनय भाव रखना चाहिए तथा माता-पिता और गुरु के उपकारों को कभी नहीं भूलना चाहिए। उ...