हरिद्वार, नवम्बर 7 -- हरिद्वार, । देवभूमि स्थित मिश्री मठ में आयोजित पंचदिवसीय पूर्णिमा महोत्सव (साधक महासम्मेलन) एवं देवभूमि रजत महोत्सव में मुख्य अतिथि के रूप में पधारे श्री चक्रपाणि जी महाराज ने अपने सारगर्भित वाणी से साधकों के हृदयों में श्रद्धा, भक्ति और आत्मबोध की ज्योति प्रज्वलित की। उन्होंने अपने प्रवचन के आरंभ में पूज्य करौली शंकर महादेव जी के चरणों में नमन करते हुए कहा कि उनके सान्निध्य में ही आत्मा को परमानंद की अनुभूति होती है और हर संवाद आत्मा की सेवा या सर्विसिंग के समान है। महाराज जी ने बताया कि पूज्य करौली सरकार जी से मिलने या उनसे बात करने मात्र से ही तन-मन हल्का हो जाता है, चिंताओं का नाश होता है और साधक पुनः ऊर्जावान हो जाता है।
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