धनबाद, फरवरी 28 -- धनबाद, वरीय संवाददाता फाल्गुन मास शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि से होलाष्टक लग जाता है। इस बार सात मार्च को होलाष्टक लग रहा है। खड़ेश्वरी मंदिर के पूजारी राकेश पांडेय बताते हैं कि होलाष्टक दो शब्दों से मिलकर बना है होली और अष्टक, जिसका अर्थ है आठ दिनों की अवधि। यह फाल्गुन शुक्ल अष्टमी से लेकर होलिका दहन तक रहता है। इस वर्ष होलाष्टक सात मार्च से शुरू होकर 13 मार्च तक रहेगा। मान्यता है कि होलाष्टक के प्रथम दिन ही महादेव ने कामदेव को भस्म कर दिया था। इस काल में हर दिन अलग-अलग ग्रह उग्र रूप में होते हैं। इसलिए होलाष्टक में शुभ कार्य नहीं करते हैं। राकेश पांडेय बताते हैं कि इन आठ दिनों में शादी विवाह, भूमि पूजन, गृह प्रवेश सहित नामकरण संस्कार, जनेऊ संस्कार, विवाह संस्कार जैसे 16 संस्कार वर्जित माने गए हैं। यह भी मान्यता है कि हो...