गंगापार, सितम्बर 10 -- गंगा नदी किनारों को लांघ चुकी हैं , जिसके चलते गांव, खेत-खलिहान समंदर बन गए हैं। जिंदगी की नाव पर सवार हो चुकी है महर साल आने वाली बाढ़ यहां के लिए कोई नई बात नहीं है यही एक कड़वी सच्चाई है। इसी सच्चाई ने लोगों को जीने का नया तरीका सिखा दिया है। शादी हो या अंतिम संस्कार, प्रसव हो या स्कूल जाना हर रास्ता अब पानी के रास्ते तय होता है। सड़कें जब डूब जाती हैं, तब नावें ही सहारा बनती है। बहादुरपुर का धोकरी गांव, सैदाबाद का बढ़ौली, गनेशीपुर गांव का झलाई का पूरा, संग्रामपट्टी, तेलियातारा, बजहा मिश्रान, दुमदुमा गांव, इनरवार गांव बाढ़ से सबसे अधिक प्रभावित है। प्रभावित गांवों में ग्रामीणों के नावे ही सहारा है। बाढ़ पीड़ित अपनी गृहस्थी सुरक्षित स्थानों पर नावों की मदद से ले के जा रहे हैं। बार बार आने वाली बाढ़ के चलते फसलें ल...