मुजफ्फरपुर, जनवरी 28 -- मुजफ्फरपुर, मुख्य संवाददाता/ कुंदन कुमार। वर्ष 2011 में कराई गई राष्ट्रीय जनगणना और उसके बाद नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर (एनपीआर) तैयार करने को मिली राशि का हिसाब सूबे के सात जिले नहीं दे रहे हैं। अगस्त 2021 के बाद से दो दर्जन बार पत्र लिखा गया, लेकिन जिलों ने न तो राशि वापस की और न खर्च का हिसाब दिया है। गृह मंत्रालय ने अगली जनगणना के लिए राशि रोकने और उससे उत्पन्न होने वाले वैधानिक संकट का हवाला दिया है, तब जनसांख्यिकी निदेशालय ने गंभीर कदम उठाते हुए इन जिलों से राशि व हिसाब की वसूली के लिए 14 अधिकारियों की प्रतिनियुक्ति कर दी है। राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह ने इसके लिए सभी डीएम को निर्देश जारी किया है। उन्होंने बताया कि मुजफ्फरपुर, दरभंगा, पश्चिम चंपारण, मधुबनी, शिवहर, नवादा, नालंदा ...
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