चतरा, अक्टूबर 6 -- इटखोरी, प्रतिनिधि। खुले आसमान में खीर रखने से अमृत वर्षा के महत्व के बारे में जानकारी देते हुए माँ भद्रकाली मंदिर के पुजारी ज्योतिषाचार्य संदीप शर्मा ने कहा कि हिंदू पंचांग के अनुसार, हर साल आश्विन माह की पूर्णिमा तिथि को शरद पूर्णिमा का व्रत रखा जाता है। इस वर्ष शरद पूर्णिमा 7 अक्टूबर 2025, मंगलवार को मनाई जाएगी लेकिन 6 अक्टूबर को दोपहर 11:25 से पूर्णिमा भोग कर रहा है और 7 अक्टूबर को दिन 09:34 तक रहेगा इसीलिए पूर्णिमा रात्रि में भोग 6 अक्टूबर को ही कर रहा है अत: खीर बना कर खुले आसमान में सोमवार को ही रखना है तथा सनातन धर्म में इस दिन का विशेष महत्व होता है। धार्मिक मान्यता है कि इसी दिन मां लक्ष्मी का प्राकट्य हुआ था। ऐसा कहा जाता है कि इस रात चंद्रमा अपनी 16 कलाओं से पूर्ण होते हैं और उनकी किरणों में अमृत बरसता है। शर...