पाकुड़, जून 11 -- हिरणपुर। परिंदे सरहद के मोहताज नहीं होते, उन्हें तो बस उड़ना आता है। सरहद की लकीरों और सियासी बंदिशों से दूर ये आजाद पंछी कहीं भी किसी भी जगह अपना आशियाना बना लेते हैं। परंतु हर साल आने वाले इन पंछियों को न जाने कैसे अपना पता बखूबी मालूम होता है। क्योंकि फिर से ये साइबेरियन पक्षी हजारों मील की यात्रा कर हिरणपुर थाना पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया है। ये पक्षी हजारों किलोमीटर की दूरी तय कर स्थानीय थाना परिसर स्थित पेड़ों को अपना आशियाना बनाने के लिए घोंसलें का निर्माण करने लगे हैं। घोंसले में अंडा देने के बाद उसमें से निकले चूजे को सुरक्षित रखना भी शुरू कर दिया है। साथ ही भोजन के लिए नदी किनारे पहुंच कर घोंघा, छोटी-छोटी मछली सहित अन्य कीड़े मकौड़े को ख़ाकर अपना जीवन यापन कर रहे हैं। दरअसल इन पक्षियों को लेकर बताया जाता है कि इन...
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