नई दिल्ली, जुलाई 2 -- नई दिल्ली, विशेष संवाददाता। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने साइबर अपराध और वित्तीय धोखाधड़ी को रोकने के लिए बैंकों को वित्तीय धोखाधड़ी जोखिम संकेतक (एफआरआई) अपनाने का निर्देश दिया है। वाणिज्यिक बैंकों, लघु वित्त बैंकों, भुगतान बैंकों और सहकारी बैंकों से कहा गया है कि वह दूरसंचार विभाग द्वारा विकसित एफआरआई को अपने सिस्टम से एकीकृत करें, जिससे धोखाधड़ी को रोकने को मदद मिल सके। ऐसा करने पर वास्तविक समय पर धोखाधड़ी के प्रयास का पता लगाने और तत्काल प्रतिक्रिया संभव हो पाएगी। एफआरआई एक जोखिम-आधारित संकेतक है, जिसे मई में दूरसंचार विभाग की डिजिटल इंटेलिजेंस यूनिट (डीआईयू) ने लॉन्च किया था। यह संकेतक किसी मोबाइल नंबर के पुराने रिकॉर्ड के आधार पर जोखिम की श्रेणी को निर्धारित करता है। अगर किसी मोबाइल नंबर का वित्तीय धोखाधड़ी मे...