नई दिल्ली, जुलाई 3 -- आरबीआई ने साइबर अपराध एवं फाइनेंशियल फ्रॉड को रोकने के लिए बैंकों को फाइनेंशियल फ्रॉड जोखिम संकेतक (FRI) को अपनाने का निर्देश दिया है। वाणिज्यिक बैंकों, लघु वित्त बैंकों, भुगतान बैंकों और सहकारी बैंकों से कहा गया है कि वह दूरसंचार विभाग द्वारा विकसित प्रणाली को अपने सिस्टम से इंटीग्रेट करें। ऐसा करने पर वास्तविक समय पर धोखाधड़ी के प्रयास का पता लगाने और तत्काल प्रतिक्रिया संभव हो पाएगी। देश में यूपीआई के व्यापक उपयोग को देखते हुए यह प्रणाली लाखों लोगों को साइबर धोखाधड़ी से बचाने में काफी अहम मानी जा रही है। उधर, दूरसंचार विभाग ने आरबीआई के इस कदम का स्वागत किया है।कैसे काम करता है रिस्क इंडिकेटर एफआरआई एक जोखिम-आधारित इंडिकेटर है, जिसे मई में दूरसंचार विभाग की डिजिटल इंटेलिजेंस यूनिट ने लॉन्च किया था। यह संकेतक किसी ...
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