नई दिल्ली, दिसम्बर 29 -- दिल्ली की साकेत जिला अदालत ने 23 वर्ष पुराने ठगी के मामले में अहम फैसला सुनाया है। फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरी (एफएसएल) की रिपोर्ट में हस्ताक्षर का मिलान फेल होने के बाद अदालत ने अभियोजन पक्ष की कहानी को संदेहास्पद मानते हुए दो आरोपियों को दोषमुक्त कर दिया। न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी आकांक्षा गौतम की अदालत ने मामले में आरोपी धर्मवीर और श्याम कुमार को दोषमुक्त करते हुए कहा कि अभियोजन पक्ष यह साबित नहीं कर सका कि आरोपियों ने शुरू से ही धोखाधड़ी की नीयत से शिकायतकर्ता से पैसे लिए थे। वहीं, मामले के तीसरे आरोपी बलबीर की कुछ समय बाद ही मृत्यु हो गई थी, जिस कारण उसके खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं हुई। यह भी पढ़ें- आपसी सहमति से तलाक लेने वालों को बहुत बड़ी राहत, दिल्ली HC ने सुनाया अहम फैसला निवेश का लालच देकर ठगी का आरोप:...