समस्तीपुर, अगस्त 7 -- रोसड़ा। सावन का महीना आते ही कभी रोसड़ा शहर उत्सव की रंगीनियों से गुलजार हो उठता था। पांच दशक पहले तक यहां का झूलनोत्सव शहर की सांस्कृतिक पहचान हुआ करती थी। हालांकि इसे जीवंत बनाये रखने के लिए कुछ लोग आज भी तत्पर हैं। अपनी सांस्कृतिक विरासत को बचाये रखने के लिए समाज के कुछ युवा तपस्वी बाबा मंदिर और गंडकी नाथ शिवालय परिसर में झूलनोत्सव की तैयारी में जुट चुके हैं। इस अवसर पर झांकियों के माध्यम से कृष्ण और राधा के कई प्रसंग का जीवंत चित्रण कर दिखाया जाना है। मूर्ति कलाकार परमानंद सहनी व प्रभात सहनी ने बताया कि झांकी में लगी सभी मूर्तियां मोटर पर स्वचालित रहेगी। श्री कृष्ण को झूला झुलाती राधिका, कृष्ण के साथ हास परिहास करती गोपियां समेत कई मूर्तियों का मोटर चालित सजीव चित्रण लोगों के लिए आकर्षण का केन्द्र होगा। बात पांच दश...
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