गुमला, अप्रैल 2 -- गुमला। लोहरदगा सांसद सुखदेव भगत ने कहा कि सरहुल पर्व केवल सूर्य और पृथ्वी की पूजा तक सीमित नहीं है, बल्कि यह पर्यावरण संरक्षण का एक महत्वपूर्ण माध्यम भी है। वे मंगलवार को दुंदुरिया सरना स्थल में पूजा अर्चना के उपरांत पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि कहा कि आदिकाल से ही हमारे पूर्वज और आदिवासी समाज इस पर्व के माध्यम से प्रकृति के महत्व को समझते आए हैं। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि दिया कि देश में आदिवासी पर्वों के लिए सरकारी अवकाश नहीं दिया जाता,जो अन्यायपूर्ण है। इसलिए सरहुल को राष्ट्रीय पर्व घोषित कर इसे सार्वजनिक अवकाश के रूप में मान्यता दी जानी चाहिए।

हिंदी हिन्दुस्तान की स्वीकृति से एचटीडीएस कॉन्टेंट सर्विसेज़ द्वारा प्रकाशित...