प्रयागराज, नवम्बर 9 -- प्रयागराज। सांसद उज्जवल रमण सिंह के प्रतिनिधि विनय कुशवाहा ने कहा कि सांसद निधि ऊंट के मुंह में जीरा समान है, इसलिए या तो इसे बंद कर दिया जाए या विधायक निधि के बराबर किया जाए। उन्होंने बताया कि लगभग 18 लाख वोटरों का प्रतिनिधित्व करने वाले सांसद को सिर्फ पांच करोड़ वार्षिक निधि मिलती है, जबकि विधायक को लगभग 9-10 करोड़। इतनी कम राशि से यमुनापार जैसे क्षेत्रों में सड़क, हैंडपंप, सोलर लाइट और अन्य विकास कार्य पूरे नहीं हो पाते। उन्होंने कहा कि सांसद उज्जवल रमण सिंह ने हमेशा दृढ़ इच्छाशक्ति से क्षेत्र के विकास को प्राथमिकता दी है।

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