रामपुर, अक्टूबर 23 -- जिला महिला अस्पताल में समय से पहले जन्मे और कम वजन वाले नवजातों की जान सांसत में है। यहां बनीं स्पेशल न्यूबॉर्न केयर यूनिट (एसएनसीयू) में शिशुओं को जीवनदान देने वाली इस यूनिट में सीपेप (कंटिन्युअस पॉजिटिव एयरवे प्रेशर) मशीन ही नहीं है। स्थिति यह है कि कई नवजातों को जरूरी समय पर इलाज नहीं मिल पाता। उन्हें यहां से रेफर कर दिया जाता है। ऐसे में उनकी जान सांसत में पड़ जाती है। जिला महिला अस्पताल में प्रतिदिन करीब 25-30 प्रसव होते हैं। हर माह की बात करें तो इनमें से तकरीबन 15-20 नवजातों को सांस लेने में मदद के लिए एसएनसीयू वार्ड में सीपेप की जरूरत पड़ती है। 12 बेड का बना एसएनसीयू वार्ड पर पहले से ही क्षमता से अधिक भार है। वहीं, सीपेप मशीन नहीं होने से डाक्टरों को बच्चों को रेफर करना पड़ता है। विशेषज्ञों का मानना है कि सीप...