लखनऊ, जुलाई 28 -- सांप के काटने से हर साल 49 हजार लोगों की मौत हो रही है। इन मौत के आंकड़ों में कमी लाई जा सकती है। अभी भी बड़ी संख्या में लोग सांप के काटने के बाद अस्पताल के बजाए झांड-फूंक, टोना टोटका पर यकीन करते हैं। सांप के काटने वाले हिस्से में चीरा लगाकर खून निकालने का प्रयास करते हैं। जहर को शरीर में फैलने से रोकने के लिए प्रभावित अंग के दोनों छोर को बांध देते हैं। इससे जहर तो फैलाव भले न रुके लेकिन मरीज गैंगरीन जैसी गंभीर समस्या की चपेट में जरूर आ जाता है। नतीजतन अंग तक काटने की नौबत आ जाती है। यह जानकारी लोहिया संस्थान के निदेशक डॉ. सीएम सिंह ने दी। वह सोमवार को लोहिया संस्थान में फाउंडेशन फॉर पीपल-सेंट्रिक हेल्थ सिस्टम्स की तरफ से सर्पदंश पर आयोजित कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे। निदेशक डॉ. सीएम सिंह ने कहा कि बारिश में सांप के ...