पलामू, फरवरी 20 -- शिक्षा विभाग के रीढ़ माने जाने वाले सहायक अध्यापक (पारा शिक्षक) सुदूरवर्ती ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा का अलख जगा रहे हैं। परंतु इनकी समस्याओं का निदान नहीं निकल पा रहा है। उदासीन भाव से सहायक अध्यापक सरकारी स्कूलों में अध्यापन कार्य में जुटे हैं जिससे सुदूर गांव तक आम गरीबों के बच्चे भी शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। सहायक अध्यापकों की अपेक्षा थी कि सरकार वेतनमान निर्धारण करने के साथ-साथ सेवा स्थाई करने की दिशा में पहल करेगी परंतु वैधानिक प्रक्रियाओं की पेंच में उनका भविष्य उलझा हुआ है। हिन्दुस्तान अखबार के बोले पलामू अभियान में चर्चा करते हुए सहायक अध्यापकों ने कहा कि बेहतर जीवन की उम्मीद में कई सहायक अध्यापक चीर निंद्रा में भी सो गए हैं। रिपोर्ट राजेश की। मेदिनीनगर, प्रतिनिधि। पलामू जिले के सुदूर गांव तक सरकार की शिक्षा व...