भागलपुर, अक्टूबर 31 -- महिषी एक संवाददाता । प्रखण्ड के विभिन्न गांवों में कार्तिक शुक्ल एकादशी अथवा देवोत्थान एकादशी शनिवार को मनाया जायेगा। किंवदंतियों के अनुसार भगवान श्रीहरि को चार माह के शयन यानी योग निद्रा से जगाया जाएगा। इसके साथ ही चातुर्मास व्रत का भी समापन होगा। हिन्दू धर्मावलंबियों के शुभ मांगलिक कार्यों की भी अब शुरुआत होगी। प्रबोधनी एकादशी के अगले दिन ही वृंदा (तुलसी) के विवाह का दिन है। तुलसी का भगवान विष्णु के साथ विवाह करके लग्न की शुरुआत होती है। वृंदा के श्राप से भगवान विष्णु काले पड़ गए थे। उन्हें शालिग्राम के रूप में तुलसी चरणों में रखा जाएगा। विवाह के शुभ मुहूर्त 20 नवंबर से शुरू होगा। मान्यता है कि आषाढ़ शुक्ल हरिशयन एकादशी पर भगवान चार महीने के लिए शयन करने चले जाते और देवोत्थान एकादशी पर जागते हैं। प्रबोधनी एकादशी पर ...