नई दिल्ली, नवम्बर 25 -- बलात्कार से जुड़े मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। सोमवार को अदालत ने कहा कि अगर सहमति से बने संबंधों में ब्रेक अप हो जाता है, तो इसके चलते पुरुष के खिलाफ रेप केस नहीं माना जा सकता। इसके साथ ही आरोपी के खिलाफ दर्ज केस खारिज कर दिया। याचिका पर सुनवाई कर रही जस्टिस बीवी नागरत्न और जस्टिस आर महादेवन की बेंच ने कहा कि शादी का झूठा वादा कर रेप करने के मामले में आरोपों से जुड़े स्पष्ट सबूत होने चाहिए। बेंच ने कहा कि एक रिश्ते को रेप सिर्फ इसलिए नहीं माना जा सकता, क्योंकि उसका अंत निराशा या असहमति के चलते हुआ है। बेंच ने कहा, 'सहमति से संबंध में रह रहे कपल के बीच अगर ब्रेक अप हो जाता है, तो सिर्फ इसके चलते आपराधिक कार्यवाही नहीं की जा सकती...। शुरुआत में जो संबंध सहमति से बना था, अगर वह शादी में तब्दील नही...