मोतिहारी, सितम्बर 15 -- मोतिहारी, एक संवाददाता। सहकारिता दशकों से भारतीय संस्कृति का प्राण रही है। भारत का यह विचार है। हमारी संस्कृति का प्राण तत्व ही सहकारिता है। भारत ने पूरी दुनिया को सहकारिता का विचार देने व इसमें आगे बढ़ने का काम किया है। यह बातें रविवार को स्थानीय को-ऑपरेटिव बैंक परिसर में आयोजित बैंक के वार्षिक आम सभा को संबोधित करते हुए सहकारिता मंत्री डॉ. प्रेम कुमार ने कहीं। उन्होंने कहा कि भारतीय समाज के नीव में सहकारिता रची बसी है। यह सामूहिक और आर्थिक लक्ष्यों को मिल-जुलकर बढावा देती है। सहकारिता समिति से व्यक्ति का आर्थिक व सामाजिक विकास होता है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय बीमा जल्द लागू होगी। उन्होंने कहा कि पैक्स अध्यक्ष पर कार्रवाई को रोका जाय। देश के ग्रामीण अर्थतंत्र के विकास को ले सहकारी आंदोलन को मजबूती देने और उसे घर-...