लखनऊ, जून 2 -- पूर्वांचल और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण का मसौदा तैयार करने वाली सलाहकार कंपनी को आरोपों से बरी करने के मामले में एक और जानकारी सामने आई है। पावर कॉरपोरेशन के निदेशक (वित्त) ने कॉरपोरेशन के पैनल के वकील से ही विधिक सलाह लेकर उसे क्लीनचिट देने की पत्रावली तैयार की है। सलाहकार कंपनी पर झूठा शपथ पत्र देकर टेंडर लेने का आरोप है। कॉरपोरेशन के इंजीनियर ऑफ कॉन्ट्रैक्ट ने अपनी सिफारिश में कंपनी को दोषी पाया है। 42 जिलों में बिजली के निजीकरण का मसौदा तैयार करने वाली सलाहकार कंपनी ने टेंडर के दौरान पावर कॉरपोरेशन में शपथ पत्र दाखिल किया था कि बीते तीन साल में उसके ऊपर कोई भी जुर्माना नहीं लगा है। कंपनी को टेंडर मिलने के बाद खुलासा हुआ कि उस पर अमेरिका रेगुलेटर ने वर्ष 2024 में ही 40,000 अमेरिकी डॉलर की पेनाल्टी लगाई थी।...