समस्तीपुर, मार्च 10 -- समस्तीपुर। केंद्र सरकार द्वारा कराए जा रहे स्वच्छ सर्वेक्षण का पैटर्न इस वर्ष बदल दिया गया है। इसको लेकर नई गाइडलाइन भी जारी की गई है। पोर्टल पर अपलोड किए गए डाक्यूमेंट्स में किए गए दावों और जमीनी हकीकत में फर्क होने पर निगेटिव मार्किंग होगी। यानी अंक में कटौती हो सकती है। पहले सर्वेक्षण के लिए कुल 9500 अंक निर्धारित किए गए थे। लेकिन, इस बार इसे बढ़ाकर 12500 कर दिया गया है। गाइडलाइन के मुताबिक यदि डाक्यूमेंट और फील्ड सर्वे में 20 फीसदी से अधिक का फर्क पाया जाता है, तो अंक कटेगा। यह कटौती विभिन्न स्तर पर होगी। स्वच्छ सर्वेक्षण के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए नगर परिषद को खाली पड़े भू-भाग, नालों की सफाई, कचरा प्रबंधन, उठाव, जलनिकासी आदि पर ध्यान देना होगा। गली-मोहल्लों और वार्डों की जाम नालियों व मुख्य नालों की उड़ाही क...