नई दिल्ली, सितम्बर 20 -- Sarvapitru Amavasya 2025: हिंदू धर्म में अमावस्या का विशेष महत्व होता है। हर माह में अमावस्या पड़ती है। आश्विन मास की अमावस्या को सर्वपितृ अमावस्या कहा जाता है। यह पितृ पक्ष का अंतिम दिन है। पितरों को स्मरण और श्रद्धांजलि देने का यह विशेष अवसर है। मान्यता है कि इस दिन किए गए दान और तर्पण से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है और परिवार में सुख-समृद्धि आती है। इस दिन दान करना अत्यंत पुण्यकारी माना जाता है। दान करने से कई गुना अधिक फल की प्राप्ति होती है। सर्वपितृ अमावस्या का दिन ज्योतिषीय दृष्टि से भी विशेष होता है। इस दिन सुबह 6 बजे से दोपहर 12 बजे तक का समय विशेष रूप से शुभ माना जाता है। इस समय तर्पण और दान करने से दान का पुण्य अधिक मिलता है। दिन के दूसरे हिस्से में भी दान किया जा सकता है, लेकिन सुबह का समय सर्वोत्...
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