नई दिल्ली, सितम्बर 20 -- सर्वपितृ अमावस्या के दिन सभी पितरों के निमित्त श्राद्ध, तर्पण करने का अवसर मिलता है। यह पितृपक्ष का अंतिम दिन होता है। हिन्दू धर्म में इसे अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दिन पितरों की आत्मा की शांति के लिए दान, तर्पण और पूजा करना शुभ होता है। इस साल सर्वपितृ अमावस्या 21 सितंबर 2025 (रविवार) को पड़ रही है। सर्वपितृ" का मतलब है सभी पितर, यानी हमारे पूर्वज। इस दिन पितरों की आत्मा की शांति और उनके आशीर्वाद के लिए तर्पण, दान और पूजा की जाती है। मान्यता है कि इस दिन किए गए पुण्यकर्म का फल अन्य दिनों की तुलना में अधिक मिलता है।मुहूर्त- अमावस्या तिथि प्रारम्भ - सितम्बर 21, 2025 को 12:16 ए एम बजे अमावस्या तिथि समाप्त - सितम्बर 22, 2025 को 01:23 ए एम बजे कुतुप मूहूर्त - 12:07 पी एम से 12:56 पी एम अवधि - 00 घण्टे 49 मिनट...