पूर्णिया, नवम्बर 24 -- जलालगढ़, एक संवाददाता।सर्दियों की शुरुआत होते ही पशुपालकों के सामने सबसे बड़ी चुनौती होती है अपने पशुओं को ठंड से सुरक्षित रखना। तेज हवाएं, कोहरा और तापमान में गिरावट का पशुओं की सेहत पर सीधा असर पड़ता है। खासकर दूध देने वाले पशुओं में दूध उत्पादन कम होने लगता है। ऐसे में शीतलहर के दिनों में उनकी देखभाल, संतुलित आहार और गर्म आवास की व्यवस्था करना बेहद जरूरी है। इसे लेकिर अधिकारी कौशल कुमार ने बताया कि ठंड से बचाव का पहला और सबसे महत्वपूर्ण कदम है, पशुओं के लिए उचित आवास की व्यवस्था। गोशाला को सूखा, साफ, गर्म और हवादार रखना चाहिए। रात के समय दरवाजे और खिड़कियां बंद कर बोरियां या टाट टांगने से ठंडी हवा अंदर नहीं पहुंचेगी। फर्श पर सूखी घास, भूसा या पत्तियां बिछाने से पशुओं के शरीर को जमीन की ठंडक महसूस नहीं होती। उन्हो...
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