उन्नाव, दिसम्बर 22 -- उन्नाव। जैसे ही ठंडी हवा ने दस्तक दी, जिला अस्पताल की ओपीडी में सांस संबंधी मरीजों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी देखने को मिली है। अस्पताल में अब रोजाना 10 से 20 मरीज ऐसे आ रहे हैं, जिन्हें सीओपीडी (क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज) की समस्या है। चेस्ट रोग विशेषज्ञ डॉ. शोभित अग्निहोत्री के अनुसार, फेफड़े शरीर के सबसे अहम अंग हैं, जो हर कोशिका तक ऑक्सीजन पहुंचाते हैं। लेकिन जब वायुमार्ग अवरुद्ध हो जाते हैं, तो सीओपीडी धीरे-धीरे फेफड़ों की क्षमता को कम कर देती है। डॉ. अग्निहोत्री ने बताया कि दमे में श्वासनलियां सिकुड़ती हैं, लेकिन इलाज से दोबारा खुल जाती हैं। वहीं, सीओपीडी में फेफड़ों की नली once नुकसान हो जाने पर पूरी तरह सामान्य नहीं हो पाती। इसके चलते मरीजों में सांस फूलना, छाती में जकड़न और लगातार खांसी जैसे लक्...