संवाददाता, जून 10 -- सर्जरी के बाद भी 35 से 40 फीसदी फिस्टुला (भगंदर) मरीजों को दोबारा दर्द से गुजरना पड़ रहा है। इसकी वजह ये है कि ऐसी ज्यादातर सर्जरी अप्रशिक्षित हाथों से हो रही है। अप्रशिक्षित से सर्जरी कराने वाले मरीज इलाज के लिए बड़ी संख्या में गोरखपुर के एम्स में पहुंच रहे हैं। चिंता की बात यह है कि बिहार सहित पूर्वांचल में ऐसे अप्रशिक्षितों की संख्या सबसे अधिक है। इन्हीं अप्रशिक्षित सर्जरी की वजह से मरीजों की सेहत भी ज्यादा बिगड़ रही है। इनमें बवासीर के मरीज ऐसे हैं, जो एनीमिया के शिकार भी हो जा रहे हैं। एम्स के सर्जरी विभाग के डॉ.हरिकेश यादव ने बताया कि पूर्वांचल में फिस्टुला और बवासीर के मरीज सबसे अधिक हैं। चिंता की बात यह है कि इन मरीजों में 35 से 40 फीसदी मरीज ऐसे हैं, जो अप्रशिक्षित से सर्जरी कराकर गंभीर स्थिति में पहुंच रहे ह...