गिरडीह, अक्टूबर 19 -- सरिया, प्रतिनिधि। सरिया जो कभी अपनी हरी-भरी वादियों और ग्रामीण संस्कृति के लिए जाना जाता था, आज पलायन की त्रासदी का पर्याय बन चुका है। करीब डेढ़ लाख की आबादी वाले इस 23 पंचायत के प्रखण्ड क्षेत्र के हर गांव से हजारों मजदूर रोजी-रोटी की तलाश में महाराष्ट्र, गुजरात और दिल्ली जैसे महानगरों की ओर पलायन करने को मजबूर हैं। स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसरों का अभाव इस समस्या का सबसे बड़ा कारण है, जिसके चलते हर घर से एक या दो लोग मजदूरी के लिए दूर-दराज के शहरों में जाते हैं। लेकिन यह पलायन न केवल उनके परिवारों को विखंडित कर रहा है, बल्कि उनकी जिंदगी को भी खतरे में डाल रहा है। जानकारी के अनुसार, सरिया प्रखंड से अनुमानित 10 से 12 हजार लोग रोजगार की तलाश में अन्य राज्यों में पलायन कर चुके हैं। इन प्रवासी मजदूरों को महानगरों में कठ...