हजारीबाग, मार्च 17 -- हजारीबाग हमारे प्रतिनिधि सरहुल जिले में मनाये जाने वाला एक बसंत ऋतु का त्योहार है। इसे आदिवासी और सदान समुदाय के लोग हर्षोल्लास के साथ मनाते हैं। जिले में इसकी तैयारियां शुरू हो गई है। सरना स्थल की साफ सफाई के साथ आयोजन की तैयारी शुरू कर दी गई है। जन जाति समुदाय के लिए सरहुल नये साल का प्रतीक है। यह हर साल चैत्र शुक्ल पक्ष तृतीया तिथि को मनाया जाता है। इस साल एक अप्रैल को सरहुल मनाया जाएगा। हालांकि जिले में सरहुल अलग अलग इलाकों में चैत्र तृतीया से लेकर पुर्णिमा तक मनाया जाता है। इस दौरान सरना स्थल पर गांव की समृद्धि के लिए पाहन पुजारी उपवास कर सूर्य, गांव के देवता और पूर्वजों के सरना में पुजा अर्चना करेंगे। सरना स्थल पर पारंपरिक तरीके से कलश में पानी रखकर पुजा की जाएगी। पाहन फूल,फल, सिन्दूर, धूप दीप जलाकर मुर्गा की ब...