बलिया, फरवरी 1 -- बलिया, संवाददाता। विद्या की अधिष्ठात्री देवी सरस्वती की पूजा इस साल तीन फरवरी को बसंत पंचमी पर होगी। इसको लेकर मां शारदे की प्रतिमा को अंतिम रूप देने मूर्तिकार दिन-रात युद्ध स्तर पर ब्रश चलाने लगे हैं। हंस वाहिनी मां वीणा वादिनी के पूजनोत्सव में दो दिन शेष है, लिहाजा पूजन कमेटी के लोग जोर-शोर से पंडाल आदि की तैयारियों में जुट गये हैं। 'हिन्दुस्तान टीम ने मूर्तिकारों से बात कर उनकी हकीकत जानने का प्रयास किया। इस दौरान उनका कहना था कि लागत तो बढ़ गई है, लेकिन उसके सापेक्ष मूर्तियों की कीमत नहीं बढ़ी है। यही नहीं एक दशक पूर्व पर नजर डालें तो मांग आधी हो गई है। मूर्तिकारों ने बताया कि मिट्टी 850 से 900 रुपये ट्रेलर हो गई। सुतली 180 से 200 रुपये वहीं मुफ्त में मिलने वाला पुआल 100 से डेढ़ सौ रुपये बोझ मिल रहा है। इसके अलावे का...