रांची, अप्रैल 2 -- रांची, हिन्दुस्तान ब्यूरो। अनुसूचित जाति, जनजाति और पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के मंत्री चमरा लिंडा ने कहा कि आदिवासी संस्कृति को संरक्षित रखना आवश्यक है। सरहुल महोत्सव में पारंपरिक मांदर और नगाड़े की धुन पर नृत्य करना चाहिए, न कि आधुनिक डीजे और फिल्मी गीतों पर। सरना धर्म को मान्यता दिलाने के संघर्ष पर जोर देते हुए कहा कि जब तक हम संघर्ष करते रहेंगे, तब तक अपनी संस्कृति को बचाए रख पाएंगे। अगर केंद्र सरना कोड नहीं देती है तो सड़क पर उतरकर आंदोलन करेंगे। उन्होंने कहा, हमारा मंत्रालय आदिवासी कल्याण के लिए कार्यरत है और हम आदिवासी समाज को शिक्षित और सशक्त बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। मंत्री बुधवार को मायापुर सरना स्थल, कांके में आदिवासी 22 पड़ाहा सरना समिति ओरमांझी की ओ से आयोजित 29वें सरहुल पूजा महोत्सव को संबोधित कर रहे थे। ...