कानपुर, नवम्बर 2 -- सर पदमपत सिंघानिया स्कूल के ऑडिटोरियम में हुआ ज्योतिष सम्मेलन देश के विभिन्न अंचलों में 75 से अधिक ज्योतिष विद्वानों ने हिस्सा लिया कानपुर। ज्योतिष सम्मेलन में मुख्य अतिथि केए दुबे पद्मेश ने रविवार को कहा कि विक्रमी संवत से पर्व और त्योहारों का निर्धारण उत्तर भारत में होता है। विभिन्न शहरों के अक्षांशों और देशांतर के अंतर से पंचांगों मे सूर्योदय और सूर्यास्त का अंतर आता है जिस कारण से पर्व एवं त्योहरों की तिथियों में भिन्नता होती है। केन्द्र सरकार विक्रमी संवत् को भी राष्ट्रीय पंचांग बनाए तभी पर्व और त्योहारों की तिथियों को भिन्नता समाप्त होगी। ज्योतिष सम्मेलन का आयोजन सर पदमपत सिंघानिया स्कूल के जीएचएस, आईएमआर, ऑडिटोरियम में किया गया। देश के विभिन्न अंचलों में 75 से अधिक ज्योतिष विद्वानों ने हिस्सा लिया। ज्योतिष मनीषि...