नई दिल्ली, अक्टूबर 15 -- हाल ही में सुप्रीम कोर्ट में दायर एक याचिका में देश में मृत्युदंड के तरीके पर सवाल उठाए गए हैं। याचिका के मुताबिक, मौजूदा समय में फांसी पर लटकाए जाने का तरीका बेहद अमानवीय और असभ्य है और इसमें बदलाव की आवश्यकता है। हालांकि याचिका पर सुनवाई के दौरान उच्चतम न्यायालय ने कहा है कि सरकार इस तरीके को बदलने के लिए सहमत नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को कहा कि समस्या यह है कि सरकार इस बारे में कोई निर्णय लेने को तैयार नहीं है। दरअसल केंद्र ने कोर्ट से कहा है कि मौत की सजा दिए गए दोषियों को मृत्युदंड के लिए घातक इंजेक्शन जैसे दूसरे विकल्प चुनने का विकल्प देना बहुत व्यावहारिक नहीं हो सकता है। जस्टिस विक्रम नाथ और संदीप मेहता की पीठ इस याचिका पर सुनवाई कर रही थी। याचिका दायर करने वाले वरिष्ठ अधिवक्ता ऋषि मल्होत्रा ​​ने तर्...