रांची, जुलाई 26 -- रांची। झारखंड राज्य उर्दू शिक्षक संघ ने हाल ही में राज्य सरकार द्वारा कैबिनेट बैठक में लिए गए निर्णय पर विरोध दर्ज किया है। झारखंड राज्य उर्दू शिक्षक संघ के केंद्रीय महासचिव अमीन अहमद ने बताया कि झारखंड को बिहार से विभाजन के समय योजना मद के तहत 4401 उर्दू सहायक शिक्षक पद प्राप्त हुए थे। 2014-15 में मात्र 689 पदों पर ही बहाली हुई। 2023 में विभागीय संकल्प के तहत शेष पदों को गैर योजना मद में स्थानांतरित कर दिया गया। बावजूद इसके, अब तक शेष 3712 पदों पर बहाली नहीं हो सकी है। उन्होंने कहा कि इन पदों को समाप्त कर नया पद 'सहायक आचार्य सृजित करना न केवल बेरोजगारों के साथ अन्याय है, बल्कि भविष्य की संभावनाओं को भी समाप्त करने जैसा है।
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