रांची, दिसम्बर 16 -- रांची, विशेष संवाददाता। झारखंड हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसले में कहा है कि राज्य सरकार या झारखंड लोक सेवा आयोग (जेपीएससी) द्वारा नियुक्ति पत्र जारी करने में हुई देरी का खामियाजा उम्मीदवार नहीं उठा सकता है। कोर्ट ने आदेश दिया है कि इस मामलों में प्रार्थी की नियुक्ति की तिथि को उस बैच के अन्य उम्मीदवारों की नियुक्ति की तिथि से माना जाए, ताकि उम्मीदवार को वरीयता और अन्य सेवा का लाभ मिल सके। इसको लेकर वंदना भारती ने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। प्रार्थी तृतीय जेपीएससी नियुक्ति में उम्मीदवार थीं, जिनकी नियुक्ति अंकों की गलत गणना के कारण तीन साल विलंब से वर्ष 2013 में हुई, जबकि उनके बैच के अन्य उम्मीदवारों की नियुक्ति 2010 में हो गई थी। देरी के कारण उनकी वरीयता प्रभावित हुई और उन्हें उम्मीदवारों में सबसे निचले स्थान ...