नई दिल्ली, अप्रैल 20 -- बोले अलीगढ़ अभियान के तहत हमने मंडल के पेंशनर्स से बात की। उन पेंशनर्स से जो कभी प्रदेश की सेवा का अभिन्न हिस्सा रहे और आज अपनी बारी आने पर सिस्टम की बेरुखी झेल रहे हैं। उनकी पीड़ा सिर्फ आंकड़े नहीं, बल्कि सरकार से सवाल हैं। क्या 30-40 साल सेवा के बाद इतना भी हक नहीं कि बुढ़ापे में चैन से जी सकें। 2008 में अलीगढ़ मंडल बना, 2025 आ गया पर अपर निदेशक पेंशन एवं कोषागार कार्यालय आज तक धरातल पर नहीं आया। यह तब है जबकि इस कार्यालय को शासन द्वारा स्वीकृति और बजट दोनों मिल चुके हैं। प्रदेश के अन्य नवगठित मंडलों में यह कार्यालय पहले ही शुरू हो चुका है। यह सिर्फ एक कार्यालय की देरी नहीं। उससे जुड़ी सैकड़ों दिक्कतों की जड़ है। अलीगढ़ के पेंशनर्स को हर आदेश के लिए लखनऊ की राह नापनी पड़ती है। बोले अलीगढ़ अभियान के दौरान मिली प्र...