मुजफ्फरपुर, अक्टूबर 9 -- मुजफ्फरपुर। मुजफ्फरपुर की सांस्कृतिक विरासत इतनी समृद्ध है कि सूरज की किरण नाज करे। धरोहरों के इस शहर में भगवान बुद्ध और भगवान महावीर की जन्मस्थली के अलावा महात्मा गांधी की यादों को संयोए आधा दर्जन से अधिक स्थान हैं, जिन्हें निहार कर हम गौरवान्वित होते हैं। हालांकि रखरखाव से लेकर इनके महत्व के बारे में काफी कम जानकारी इसके पर्यटकीय महत्व को कम कर देती है। विश्वविद्यालय में भी धरोहरों को लेकर शोध और संरक्षण के प्रति उदासीनता हाल के दिनों में देखने को मिली है। इस कारण जिले को ऐतिहासिक विरासत के तौर पर वह पहचान नहीं मिल पाई, जिसका वह हकदार है। बुधवार को संवाद कार्यक्रम में शहर के प्रबुद्धजनों ने इसपर गहरी चिंता जतायी। कहा कि सरकार और समाज के सार्थक प्रयास से ही जिले की धरोहरों को संरक्षित किया जा सकेगा। इस पहल से पर्...