संभल, अप्रैल 27 -- प्रदेश सरकार शिक्षा व्यवस्था को सशक्त बनाने के लिए हर वर्ष करोड़ों रुपये का बजट खर्च कर रही है। जिले के सरकारी हाईस्कूल और इंटरमीडिएट कॉलेजों में सैकड़ों शिक्षक-शिक्षिकाएं तैनात हैं, जिन्हें मोटी तनख्वाह दी जा रही है। बावजूद इसके, यूपी बोर्ड के घोषित परिणामों में सरकारी स्कूलों की स्थिति चिंताजनक बनी हुई है। इस वर्ष हाईस्कूल के परीक्षा परिणाम में महज 1.11 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज हुई है, जबकि इंटरमीडिएट का परिणाम 2.05 प्रतिशत गिर गया है। सबसे गंभीर बात यह है कि जिले की टॉप-10 सूची में एक भी सरकारी स्कूल का छात्र या छात्रा स्थान नहीं बना सका। बीते वर्ष भी यही स्थिति रही थी, जब हाईस्कूल की टॉप सूची से सरकारी स्कूल पूरी तरह गायब था और इंटर की सूची में मात्र एक छात्र का नाम आया था। एडेड स्कूलों का दबदबा, एलएफ एकेडमी फिर से टॉ...